दुर्गा का पूजक हो तुम
देवी के तुम साधक ..
माँ सरस्वती का वंदन करते
तूम आजीवन आराधक ..
माँ लक्ष्मी की सेवा का मन साथी
.. तुम्ही बताओ
हे मानुस
तब क्यों
मासूम बच्चियों के तुम आघाती
उन्हें बढाओ उन्हें सजाओ
आगे आओ आगे आओ ...
उन्हें बचाओ ...
नीर (नृपेन्द्र कुमार तिवारी )
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